"वहीं बाहर रुको तुम दोनों, आज तो तुम दोनों की आरती उतारूँ। "वहीं बाहर रुको तुम दोनों, आज तो तुम दोनों की आरती उतारूँ।
उस दिन के बाद से मैं ऐसी कड़वी मिठाई से ज़रा दूर ही रहता हूँ.... उस दिन के बाद से मैं ऐसी कड़वी मिठाई से ज़रा दूर ही रहता हूँ....
विडंबना देखिये कि आज हँसने हँसाने के लिए के लिए अब लाफिंग क्लब बनाने पड़ रहे हैं विडंबना देखिये कि आज हँसने हँसाने के लिए के लिए अब लाफिंग क्लब बनाने पड़ रहे हैं
पर जाते - जाते वो अपने साथ मेरे चाय का स्वाद भी ले गया ... पर जाते - जाते वो अपने साथ मेरे चाय का स्वाद भी ले गया ...
यह औरत जो भी बोलती है। वह सब सच हो जाता है। यह औरत जो भी बोलती है। वह सब सच हो जाता है।
मेरे साथ वो तमाम ख्वाब समेटके ले आया था मै। शोर-ओ-गुल मेँ सच्ची ज़ुबान के ज़ायके से अरसो बाद मिला। मेरे साथ वो तमाम ख्वाब समेटके ले आया था मै। शोर-ओ-गुल मेँ सच्ची ज़ुबान के ज़ायके स...